हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस मजलिस को हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन काज़िम सिद्दीक़ी ने ख़िताब किया, उन्होंने अपने ख़िताब में अल्लाह तआला के ज़िक्र को मोमिन के दिल के सुकून और मन के इतमीनान का सबब बताते हुए
कहाः नफ़्से मुतमइन्ना अर्थात संतुष्ट मन का सबसे उचित उदाहरण, जिसका पवित्र क़ुरआन में ज़िक्र है, शहीदों के सरदार इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम हैं।
इस मजलिस में जनाब मीसम मुतीई ने मर्सिया पेश किया।